वक्त के थमने का इंतजार क्यों करते हो | छोड़ चला हो जो बीच राह मे, उसे प्यार क्यों करते हो || अपनी कमियो को अपनी ताकत बना के देखो , सर झुकायेगी ये दुनिया जिस मे तुम जीने को डरते हो ||..||
Tuesday, April 3, 2012
Monday, April 2, 2012
"आमंत्रण है, निमंत्रण है, प्यार भरा गुंजन है,
"आमंत्रण है, निमंत्रण है, प्यार भरा गुंजन है,
बहुत दिनों से कापी बंद कविताओं के लिए कुछ नए प्रकाशन हैं ||"
facebook बंधुओं को 'hindi kavita, मन की भाषा' की ओर से हार्दिक अभिवादन ||
हमें अति प्रसन्नता हो रही है, आप को यह बताते हुए कि हमारे समूह ने आपकी
भावनाओं को नया विश्व देने एवं उन्हें जन सामान्य तक पहुँचाने के उद्देश्य से,
एक सामुहिक संकलन निकालने का निश्चय किया है || आपका सहयोग अपेक्षित हैं एवम
आपकी कवितायेँ सादर आमंत्रित हैं ||
१ -आप निम्न ई - मेल पते पर अपनी रचनाएं भेजे -- hindi.kavitas@gmail.com , आप रचनाएं अटैच न करें सीधे भेजें ||
२ -संकलन एक सामूहिक प्रोजेक्ट के रूप मे निकाला जाएगा, इसलिए इस पर जो भी व्यय होगा संकलन के लिए चुने गए रचनाकारों को ही मिलकर वहन करना होगा || व्यय होने वाली धनराशि किस प्रकार एकत्र की जानी है इसके बारे मे रचनाओ के चयन के बाद निर्णय लिया जाएगा व अलग से सूचना जारी की जाएगी. ई-मेल करने की अंतिम तिथि 15 अप्रैल हैं ||
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