Saturday, October 20, 2012

उन छोटे बच्चो की भी क्या किस्मत होती है |

उन छोटे बच्चो की भी क्या किस्मत होती है |
जो एक बड़ा सा थैला उठा कर,
कभी सड़को से कूड़ा उठाते हैं ,
कभी स्टेशन से कूड़ा उठाते हैं ,
फिर....... जब घर जाते है तो,
एक रोटी भी चैन की नहीं खा पाते है ||

Friday, October 5, 2012

रोज मिलने की तमन्ना कही बढ न जाये |





रोज मिलने की तमन्ना कही बढ न जाये |

तेरी मोहब्बत का नशा मुझ पर कही चढ़ न जाये ||
 

इस उम्र में ये शौक अच्छा नहीं है ' ललित !'कही ये 

दुनियां तुझे भी दीवाना न कहने लग जाये ||
                                                                

तेरी आँखों का काजल, तेरे गालो तक आ गया |

तेरी आँखों का काजल, तेरे गालो तक आ गया |

तेरे इस हाल पर, मेरा दिल भी घबरा गया ||

मैंने तो यूँ ही थम लिया था हाथ तुम्हारा |

और तेरी आँखों से इस कदर पानी आ गया ||