Thursday, May 31, 2012


लोग कहते हैं, कि तुम कोई उसूल क्यों नहीं बना लेते |
मैंने उसूलो से इन्सान को पीछे हटते देखा है |
और उसूलो पर कायम इन्सान को,
दर-बदर भटकते देखा है ||

प्रेम अभिलाषा :: ललित बिष्ट