Monday, June 4, 2012


लगता नहीं, कि अब इस दुनिया में रह पाउँगा |
इन बेरहम लोगो के साथ अब और न जी पाउँगा |
एक -एक पैसे कि कीमत सिखा दी है उन लोगो ने हमें |
जीने का ढंग भी आता नहीं जिन्हें ||

प्रेम अभिलाषा :: ललित बिष्ट