जमी पर चलना भी मुश्किल सा लगे जिन्हें ,
उन्होंने भी आसमा में उड़ने के सपने दिलों मे पाले हैं ||
मगर बड़ी ही जालिम हैं ये दुनिया
जिसने छोटी आखों में पलते सपने भी कुचल डाले है ||
|| प्रेम अभिलाषा : ललित बिष्ट ||
उन्होंने भी आसमा में उड़ने के सपने दिलों मे पाले हैं ||
मगर बड़ी ही जालिम हैं ये दुनिया
जिसने छोटी आखों में पलते सपने भी कुचल डाले है ||
|| प्रेम अभिलाषा : ललित बिष्ट ||